व्हीआईएसएम में हुई एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार

Date:2023-03-17 12:07:03

व्हीआईएसएम  ग्रुप ऑफ़ स्टडीज  के अंतर्गत संचालित जय इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च  एवं  फार्मालोक के सयुक्त तत्वाधान में  एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार का विषय था  “रिसेंट इनोवेशन इन फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च” . दरअसल आज विज्ञानं दिवस के उपलक्ष्य में फार्मालोक की रथ यात्रा जो कि अहमदाबाद से  नई दिल्ली  के लिए रवाना हुई है ,का ग्वालियर में पड़ाव था . रथ यात्रा  का स्वागत एवं अभिनन्दन जय इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च  द्वारा किया गया. इस अवसर पर शहर के विभिन्न फार्मा शिक्षण संस्थानों के  विद्वान सम्मिलित हुए .कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती के पूजन एवं दीप प्रज्वलन से हुआ.अतिथियों के स्वागत के पश्चात संस्थान के  चेयरमैन डॉ सुनील राठौर ने अपने उद्बोधन में लोक यात्रा के उद्देश्यों के  प्रति अपना  साधू वाद दिया .उन्होंने कहा कि फार्मेसी पाठ्यक्रम आज सबसे ज्वलंत एवं उपयोगी  विषय है.  हमारा ग्रुप शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति समर्पित रहा है . हमने सदैव शिक्षा की गुणवत्ता के लिए कार्य किया है. नियमित कक्षाए एवं सतत शोध कार्यो ने हमे उच्च मुकाम दिया है, एक सशक्त जनरेशन एक सशक्त राष्ट्र का  निर्माण करती है . ओरनामेंटल डिग्री बाटने वाले संस्थान देश- समाज के शत्रु है . मुझे उम्मीद  है कि डॉ अमित झा ने जिस उद्देश्य से  फार्मालोक यात्रा  प्रारम्भ की है वह उसे हासिल करेंगे . व्हीआईएसएम उनके प्रयासों की सराहना  करता है . कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा.अमित झा ने कहा कि  मेरी  यह तृतीय यात्रा है . मैंने देखा कि फार्मेसी प्रोफेशन संगठित नहीं है ,आपस में जुडाव नहीं, इसका कोई आधार नहीं है , इतिहास नहीं है .इसी बदलाव के लिए  मैंने लोकयात्रा  प्रारम्भ की. यह यात्रा नई दिल्ली में 6 मार्च को समाप्त होगी जो कि फादर ऑफ़ फार्मेसी  डॉ एम एल श्रोफ का 121 वा जन्म दिवस भी  है . फार्मेसी कौंसिल ऑफ़ इंडिया इस यात्रा का समापन  समारोह करेगी. विशिष्ट अतिथि जीवाजी विश्व विद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य  डॉ. विवेक भदोरिया ने  कहा कि   प्रतिभा कभी बंधन में नहीं रह सकती . ज्ञान हमारे  ग्रोथ के विभिन्न चैनल ओपन करता है . उन्होंने  हाल ही में एक हादसे का शिकार हुई फार्मेसी महाविध्याला की प्राचार्या प्रो. विमुक्ता शर्मा को  श्रध्दान्जली देते हुए कहा कि  यह बदलते मानवीय स्वाभाव का सूचक है . उन्होंने सेमिनार आयोजन के लिए व्हीआईएसएम को  धन्यवाद दिया .कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ.अतुल कौशिक ने छात्रों से अपने कम्युनिकेशन स्किल बढाने पर जोर दिया एवं कहा कि आप में फोकस   है , विभिन्न जानकारिया भी है किन्तु कम्युनिकेशन स्किल ना होने से आप ज्यादा कुछ नहीं कर  पाते है . इस अवसर पर सेमिनार  के विषय पर विभिन्न महाविद्यालय के विद्वान प्राध्यापको ने अपने विचार व्यक्त करते हुए फार्मेसी की दुनिया में नित नए हो रहे  अविष्कारों एवं प्रयोगों की जानकारी दी. ज्ञान गंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़  टेक्नोलॉजी एंड साइंस जबलपुर के डॉ सौरभ कोसे ने मेडिसिन विकास की प्रक्रिया बताते हुए उसके सतत बदलाव एवं उपयोगिता की रेखांकित किया . उन्होंने एक्सीडेंटल एक्सपेरिमेंट की  महत्ता  बताते हुए कहा कि साइंटिफिक बेसिस ना होने के कारण ही दुर्घटनाये होती है हमें इसका समाधान खोजने पर ध्यान देना होगा .डॉ. एस. मोहन लक्ष्मी , डायरेक्टर एंड  प्रिंसिपल , अमित इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी , एमिटी यूनिवर्सिटी ग्वालियर ने मॉडर्न मेथड ऑफ़ मेडिसिन , राइज ऑफ़ सर्जरी एवं अनेस्थेशिया  तथा रोबोट रोल इन सर्जरी पर विस्तृत चर्चा की . आयुर्वेदिक कोलेज  की डॉ सपना अविनाश  कोंद्लकर ने फार्मेसी की  विकास यात्रा से अवगत करते हुए व्हीआईएसएम को इस शानदार  आयोजन के लिए धन्यवाद दिया .संस्थान की ग्रुप डायरेक्टर डॉ प्रज्ञा सिंह  ने समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए फार्मालोक यात्रा की सफलता की  कामना  की . इस अवसर  पर संस्थान की  चेयरपर्सन श्रीमती सरोज राठौर एवं  विभिन्न महाविद्यालय के प्राध्यापकगण सहित  छात्र छात्राए  एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे . इस अवसर पर स्नेह भोज का भी आयोजन किया गया .कार्यक्रम में मॉडल कॉम्पटीशिन के विजेता जीशान (डीवाइन  महाविद्यालय)प्रथम , बलराम एवं सकल जैन  द्वितीय तथा निशा दलाल ,कविता ,माला, कोमल (जे आई एन आर ) तृतीय को पुरस्कार दिए गए . साथ ही  ड़ोकुयमेंन्ट्री में बी एस सी 2022-23 की टीम ने प्रथम , बी फार्मा 2022-23 की टीम ने  द्वितीय तथा बी एस सी 2022-23 की टीम को  तृतीय स्थान  के लिए पुरस्कार दिए गए .